यामी गौतम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी स्कीन रिलेटेड बीमारी के बारे में बताया है। यामी गौतम ने बताया है कि केराटॉसिस पिलेरिस नाम की बीमारी से वो पीड़ित है और यह बीमारी उन्हें किशोर व्यवस्था से ही थी। इस बीमारी में त्वचा पर खुर दूरे पेज और मुंहासे जैसे छोटे-छोटे दाने नजर आने लगते हैं।
यामी गौतम ने बताया है कि वह केराटॉसिस पिलेरिस नाम की एक स्किन रिलेटेड बीमारी से ग्रसित है। उन्होंने बताया कि या बीमारी उन्हें टीनएज में हो गई थी और इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है। यामी ने अपने सोशल मीडिया पर अपनी स्किन डिजीज के बारे में बताया और साथ ही उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर की।
एक सेलिब्रिटी होने के नाते इस तरह का खुलासा करना आसान काम नहीं होता है। लेकिन यामी गौतम ने साहस दिखाते हुए इसे स्वीकार किया और अपने सोशल मीडिया पर खुलकर अपने फैंस को यह सारी बातें बताएं। यामी कि यह पोस्ट इंटरनेट पर वायरल हो रही है। यामी ने मिड डे को अपने दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि कैसे स्किन कंडीशन के बारे में बात करना उनके लिए मुक्त होने के जैसा था।
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पोस्ट लिखना उतना मुश्किल नहीं था।
यामी ने बताया कि पोस्ट लिखना उतना मुश्किल नहीं था। पोस्ट लिखने से मुझे मुक्त होने के जैसा एहसास हुआ। मुझे जिस दिन अपने स्किन वाली बीमारी के बारे में पता चला था। उस दिन से लेकर पोस्ट डालने तक का सफर बहुत अधिक चैलेंजिंग रहा। जब लोग मुझे शूट करते हुए देखते थे तो वह इस बारे में हमेशा बात किया करते थे कि कैसे इसे छुपाया जाए।
यामी आगे कहती है कि या बीमारी मुझ पर बहुत असर डालती है इसे स्वीकार करने और आत्मविश्वास को वापस लाने में मुझे कई साल लग गए। मैं इस पोस्ट पर रिएक्शन के बाद बहुत प्रभावित हुई हूं।
केराटॉसिस पिलेरिस नामक बीमारी क्या होती है।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि केराटॉसिस पिलेरिस एक स्किन नामक बीमारी है। जिसमें त्वचा खुरदरी हो जाती है और साथ ही वहां पर छोटे-छोटे दाने नजर आने लगते हैं। यामी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि मैं आपसे अपना सच बयां करने का साहस जुटा पाई हूं मुझे अपने फॉलिकुलाइटिस को छुपाने या आंखों के नीचे के हिस्से को और इस मुक्त करने या कमर और शेप में लाने का मन नहीं कर रहा था फिर भी मैं खुद में बहुत अधिक सुंदर महसूस करती हूं।
यामी गौतम कई सालों से इस स्कीम नामक बीमारी से पीड़ित थी।
उन्होंने खुलासा किया कि वह कई सालों से इस बीमारी से ग्रसित थी और उन्होंने पोस्ट के साथ अपने सभी डर को दूर करने का फैसला भी लिया है। वे आगे लिखते हैं कि यह बीमारी उन्हें टीनएज में ही हो गई थी। यह स्किन कंडीशन बनने लगी थी और इसका अभी भी कोई इलाज नहीं है या एक लाइलाज बीमारी है। मैंने कई सालों तक इसका सामना किया और आज अगर मैंने अपने सभी डर और इनसिक्योरिटी को खत्म करने का फैसला कर लिया है। मैं अपनी कमियों को पूरे दिल से अपनाने का साहस जुटा रही हूं।
केराटॉसिस पिलेरिस के बारे में पूरी जानकारी।
इस बीमारी में स्कीन में केरेटिन नाम का प्रोटीन बनने लगता है। तब इस कंडीशन को केराटॉसिस पिलेरिस कहते हैं। केरेटिन हमारे स्किन को बहुत अधिक नुकसानदेह चीजों और संक्रमण से बचाता है। इस बीमारी में हेयर फॉलिकल्स के नीचे के केरेटिन इकट्ठा हो जाता है और ऊपर की ओर उठने लगता है। ऐसा क्यों होता है इसका जवाब डॉक्टरों के पास भी नहीं है क्योंकि या एक लाइलाज बीमारी है।